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लेखनी प्रतियोगिता -13-Dec-2021 तन्हाई


#तन्हाई
भागते फिरते हैं सभी
जिसे समझ आने लगेगा,
महफ़िलें बेमानी हो जाएगी
तन्हाइयों में ही फिर
मशगूल हो,जान सकोगे
तन्हाई, तोहफा है।
जो दुखों से गुजरकर
ख़ुद में बड़ी गहराई में
उतरकर मिलता है।

उस असीम ताकत
उस कायनात की इच्छा,
जिसे समझ आने लगी,
ढूंढ़ता फिरेगा तन्हाई
अपने ही भीतर,उतरकर
बेपनाह मुहब्बत....
खुदा की बरसती रहमत
तन्हाई में ही हासिल है।

मौलिक---स्वरचित

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8 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

14-Dec-2021 12:20 AM

Nice

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Shrishti pandey

13-Dec-2021 11:44 PM

Behtareen

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Niraj Pandey

13-Dec-2021 11:43 PM

बहुत ही बेहतरीन

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